वट सावित्री : पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा व्रत, बरगद पेड़ के नीचे की पूजा-अर्चना

वट सावित्री : पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा व्रत, बरगद पेड़ के नीचे की पूजा-अर्चना
 
बाराबंकी। 

ज्येष्ठ माह की कृष्ण अमावस्या को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। महिलाएं ये व्रत पति की दीर्घायु, अखंड सौभाग्य व परिवार की उन्नति के लिए रखती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा करना श्रेयस्कर माना जाता है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस बार महिलाएं हर्षोल्लास के साथ वट सावित्री व्रत कर बरगद की पूजा करती नजर आईं।

सुबह से ही जुटने लगी व्रती

सुबह से ही वट सावित्री पूजा को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह था। सुबह से ही स्नान कर नए परिधानों में सज-संवर कर वट वृक्ष के निकट व्रति महिलाओं की भीड़ जुटने लगी। कई जगहों पर पूजा-अर्चना के लिए महिलाओं को भीड़ अधिक होने के कारण प्रतिक्षा भी करनी पड़ी। यूं तो पूजा को लेकर अधिकांश लोगों ने बुधवार को ही आवश्यक खरीदारी कर ली थी, लेकिन गुरुवार की सुबह भी बाजार में फलों की बिक्री तेज रही। खासकर आम, लीची, केला, खीरा, मिठाई आदि की मांग बढ़ी रही। खरीदारी का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा।

घरों के आंगन व छतों पर भी हुई पूजा

घर के बाहर वट वृक्षों के निकट महिलाओं की अत्यधिक भीड़ से बचने के लिए कई व्रतियों ने अपने घरों के आंगन या छतों पर ही पूजा की। आंगन में वट वृक्ष की शाखा को गमलों में लगाकर कई जगहों पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। इसके कारण सुबह से ही कई लोग वट वृक्ष की टहनियों की जुगाड़ में जुटें रहें। शहर में कई जगहों पर वट वृक्ष की टहनियों की बिक्री होती भी देखी गई। जानकारों की मानें तो अब यह पर्व भी बाजारवाद के असर से प्रभावित हो रहा है।

नवविवाहिताओं के घर रहा उत्सवी माहौल

वट-सावित्री पूजा को लेकर खासकर नवविवाहिताओं के घर काफी चहल-पहल दिखी। नवविवाहिताओं के घर पूजा को लेकर उत्सवी माहौल रहा। इस बार के लगन में जिन युवतियों का विवाह हुआ उनकी यह पहली पूजा थी। इस अवसर पर परंपरा के अनुसार विवाहिता के ससुराल से पूजा की सभी सामग्री भेजी जाती है जिससे नवविवाहिताएं पूजा करती हैं। पूजा के बाद परंपरा के अनुसार नवविवाहिताओं के घर फूला हुआ चना बांटा गया।

शहर से लेकर गांवों तक रही चहल-पहल

पूजा को लेकर शहर से लेकर गांवों तक चहल-पहल देखी गई। शहर में कई जगहों पर वट वृक्ष की पूजा करने के लिए व्रति महिलाओं का हुजूम दोपहर बाद तक जुटा रहा।  इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी

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