गुमनाम सितारे: ‘तुम तो ठहरे परदेसी..’ गाकर रातों रात सुपरस्टार बन गए थे अल्ताफ राजा, जानें कहां हैं आज कल?

गुमनाम सितारे: ‘तुम तो ठहरे परदेसी..’ गाकर रातों रात सुपरस्टार बन गए थे अल्ताफ राजा, जानें कहां हैं आज कल?

मनोरंजन जगत की दुनिया बेहद अनोखी हैं जहां चमचमाते सितारे कब गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं किसी को पता नहीं चलता है। हिंदी सिनेमा में कितने ही ऐसे अभिनेता, अभिनेत्री, निर्माता, निर्देशक, संगीतकार और गायक रहे जिन्होंने एक वक्त तो खूब दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन फिर कब वो दर्शकों की नजरों से गायब हो गए ये कोई नहीं जान पाया। संगीत की दुनिया में ऐसा ही एक मशहूर नाम हैं अल्ताफ राजा। एक वक्त ऐसा था जब अल्ताफ राजा के गाने हर गली- मोहल्ले में सुनाई देते थे। बस के लंबे सफर से लेकर ऑटो के छोटे सफर तक ड्राइवर और यात्रियों का मन अल्ताफ राजा के गानों से ही बहलता था।

लाइमलाइट से दूर हैं अल्ताफ राजा
उनका एलबम सॉन्ग ‘तुम तो ठहरे परदेसी….’लोगों के बीच जबरदस्त तरीके से मशहूर हुआ था।  इस गाने ने लोगों के बीच ऐसी धूम मचाई कि सालों साल लोग इस गाने को गुनगुनाते रहे। बताते हैं कि 90 के दशक में रिलीज हुए इस गाने की करीब 70 लाख कैसेट रातों-रात बिक गई थी। आलम ये था कि कैसेट खत्म हो जाती तो लोग कैसेट खरीदने के लिए दूसरे शहर पहुंच जाया करते थे। कभी लोगों को इस कदर दीवाना बनाने वाले अल्ताफ राजा इन दिनों लाइमलाइट से दूर हो चुके हैं।

उनका गाना तुम तो ठहरे परदेसी अब तक के सबसे मशहूर गानों में से एक हैं। उनके इस एलबम के हिट होने के बाद से सात एलबम और रिलीज हुए थे जो जबरदस्त तरीके से हिट रहे। बता दें कि ‘तुम तो ठहरे परदेसी’ की करीब 4 मिलियन कॉपी बिकी थीं। सबसे ज्यादा ऑडियो कैसेट बिकने की वजह से ये गाना हिंदी एलबम का ऐसा गाना बन गया था, जिसका नाम ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज किया गया।

गायक अल्ताफ राजा ने 18 साल की उम्र से अपने करियर की शुरूआत की थी। अपनी संगीत की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कई अवॉर्ड जीते साथ ही लोगों को कव्वाली का नया वर्जन भी दिखाया। अल्ताफ के पिता भी कव्वाली गायक थे और वो अपने पिता की गानों को सुनकर ही बड़े हुए थे। उन्होंने कहा था कि अपने पिता को गाता हुए सुनकर ही उनके अंदर संगीत को लेकर उत्साह जगा था।

साल 2010 में उन्होंने फिल्म ‘टूनपुर का सुपरहीरो’ में अपनी आवाज थी। इसके बाद उन्होंने कुछ समय का ब्रेक लिया और फिर साल 2013 में रिलीज हुई फिल्म ‘घनचक्कर’ में भी गाना गाया। अल्ताफ कभी प्लेबैक सिंगर नहीं बनना चाहते थे। अल्ताफ गजल सिंगर बनने की ख्वाहिश रखते थे। जब उनकी मां ने समझाया कि गजल की दुनिया में एक उम्र के बाद नाम होगा, तब तक आपको हर जगह संघर्ष करना होगा तब जाकर उन्होंने फिल्मों में गाने के बारे में सोचा। अल्ताफ ने फिल्म ‘शपथ’ से फिल्मों में अपने सुनहरे करियर की शुरुआत की थी। इसमें वे जैकी श्रॉफ और मिथुन चक्रवर्ती के साथ अपना गाना गाते हुए फिल्म के सीन में भी नजर आए थे।

हालांकि पिछले कुछ सालों में दूसरे गायकों की फौज ने लोगों के दिल पर कब्जा कर लिया है। वहीं अल्ताफ राजा काफी समय से लाइमलाइट से दूर हैं। कुछ समय पहले ऐसी खबरें आईं थीं कि वो ‘तुम तो ठहरे परदेसी..’ के सेकेंड पार्ट पर काम कर रहे हैं।  काफी दिनों पहला उनका गाना ‘अपनी धुन’ भी रिलीज हुआ था। मोहम्मद रफी, पंकज उदास, जगजीत सिंह की गायिकों के बीच अल्ताफ राजा ने अपनी जो पहचान बनाई है उसे कोई भूल नहीं पाएगा

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